शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें

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शेयर बाज़ार में निवेश कैसे करें
Table Of Contents
स्टॉक क्या है?
शेयर बाजार क्या है?
शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?
1. अपनी निवेश आवश्यकताओं की पहचान करें
2. निवेश रणनीति तैयार करें
3. सही समय पर निवेश करें
4. ट्रेड निष्पादित करें
5. पोर्टफोलियो की निगरानी करें
6. विभिन्न प्रकार के शेयरों को समझें
शेयर बाजार में निवेश से पहले समझिये ये ज़रूरी शब्द
1. प्रतिभागी:
2. स्टॉक की कीमत:
3. ऑर्डर:
4. प्रमुख शेयर सूचकांक (स्टॉक मार्केट इंडिसेस):
5. बाज़ार विश्लेषण (मार्केट एनालिसिस):
6. शेयर बाजार का समय:
7. लॉन्ग और शॉर्ट:
8. बाजार मनोविज्ञान (मार्केट साइकॉलजी):
9. लाभांश (डिविडेंड):
10. कॉर्पोरेट कार्रवाई (कॉर्पोरेट एक्शन):
शेयर बाजार में निवेश करने के जोखिम

स्टॉक मार्केट में निवेश करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो इन्वेस्टमेंट की दुनिया में नए हैं। लेकिन यह उतना भी मुश्किल नहीं है जितना कई लोग मानते हैं। शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए आपको ना तो फाइनेंस डिग्री और ना ही बहुत अधिक इनकम की ज़रूरत है।

सही गाइड के साथ, छोटे निवेश भी समय के साथ महत्वपूर्ण रिटर्न दे सकते हैं। अगर आप शेयर बाजार में कैसे निवेश करें, इस पर जानकारी चाहते हैं, तो आइए स्टॉक और स्टॉक मार्केट से जुड़ी कुछ आवश्यक बातों पर गौर करें।

स्टॉक क्या है?

एक 'स्टॉक' किसी कंपनी में हिस्सेदारी को दर्शाता है और इसकी इकाई को शेयर कहते हैं। जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं और कंपनी के मुनाफ़े का हिस्सा बनने का अधिकार रखते हैं।

जब कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है और उसकी आय बढ़ती है, तो निवेशक उसके शेयर खरीदने के लिए अधिक इच्छुक होते हैं, जिससे शेयर की कीमत बढ़ जाती है और निवेशकों को लाभ होता है। दूसरी ओर, अगर कंपनी के प्रदर्शन में गिरावट आती है या बाजार में नकारात्मक खबरें फैलती हैं, तो निवेशक उसके शेयर बेचने की कोशिश करते हैं, जिससे शेयर की कीमत घट जाती है।

स्टॉक्स को खरीदना और बेचना शेयर बाजार के माध्यम से होता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

शेयर बाजार क्या है?

शेयर बाजार वह जगह है जहाँ कंपनियों के स्टॉक्स (शेयर) खरीदे और बेचे जाते हैं। इसमें दो मुख्य भागीदार होते हैं:

1. खरीदार (निवेशक): वे लोग जो शेयर खरीदते हैं।

2. विक्रेता (कंपनियाँ): वे कंपनियाँ जो शेयर बेचती हैं।

जब कंपनियाँ अपने व्यापार को बढ़ाना या नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए धन जुटाना चाहती हैं, तो वे अपने स्टॉक्स जारी करती हैं। यह प्रक्रिया अक्सर आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव यानी आईपीओ के माध्यम से होती है, जिसमें कंपनियाँ पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचती हैं। एक बार आईपीओ हो जाने के बाद, इन शेयरों की ट्रेडिंग सेकेंडरी मार्केट में होती है, जहां निवेशक पहले से जारी शेयरों को खरीदते और बेचते हैं।

शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से होती है। भारत में मुख्य स्टॉक एक्सचेंज हैं:

1. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSC)

2. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSC)

इन एक्सचेंजों पर, विभिन्न कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध होते हैं और इन्हें खरीदा-बेचा जा सकता है।

शेयर मार्केट में स्टॉक्स की कीमत मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होती हैं। अगर किसी कंपनी के शेयरों की माँग अधिक होती है, तो उनकी कीमत बढ़ जाती है, और यदि माँग कम होती है, तो कीमत घट जाती है। यह प्रक्रिया बाजार की स्थिरता और कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।

शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?

शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए आपको दो चीजों की जरूरत होती है:

1. डीमैट खाता: यह खाता आपके शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखता है।

2. ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको ऑनलाइन शेयर खरीदने और बेचने में मदद करता है।

इन दोनों खातों के साथ, आप प्राथमिक (IPO) और द्वितीयक (स्टॉक एक्सचेंज) बाजारों में निवेश कर सकते हैं।

शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट खाता खोलना होगा, जिसमें आपके शेयरों की इलेक्ट्रॉनिक प्रतियां रखी जाती हैं। इसके साथ ही, एक ट्रेडिंग खाता भी जरूरी है, जो आपको ऑनलाइन शेयर खरीदने और बेचने में मदद करेगा। इन दोनों खातों के ज़रिए आप प्राथमिक (IPO) और द्वितीयक (स्टॉक एक्सचेंज) बाज़ारों में निवेश कर सकते हैं। आप आसानी से INDmoney में मुफ़्त में डीमैट खाता खोल सकते हैं और अपने निवेश की यात्रा शुरू कर सकते हैं। 

1. अपनी निवेश आवश्यकताओं की पहचान करें

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, अपनी जरूरतों और सीमाओं का पता लगाएं। सोचें कि आपकी वर्तमान और भविष्य की जरूरतें क्या हैं। अपनी आय और खर्चों का हिसाब लगाएं ताकि आपको पता चले कि कितना पैसा निवेश कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं। जो लोग अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते, वे सुरक्षित निवेश जैसे निश्चित जमा और बॉन्ड्स में पैसा लगाते हैं। निवेश करते समय अपनी कर देनदारियों का भी ध्यान रखें।

2. निवेश रणनीति तैयार करें

अपनी निवेश क्षमता समझने के बाद, शेयर बाजार का विश्लेषण करें और अपनी जरूरतों के अनुसार स्टॉक्स चुनें। उदाहरण के लिए, अगर आप आय का अतिरिक्त स्रोत चाहते हैं, तो डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स में निवेश करें। अगर आप अपनी पूंजी बढ़ाना चाहते हैं, तो ग्रोथ स्टॉक्स चुनें।

3. सही समय पर निवेश करें

सही समय पर बाजार में निवेश करना बहुत महत्वपूर्ण है। कम कीमत पर शेयर खरीदने से मुनाफा बढ़ता है। वहीं, उच्च कीमत पर शेयर बेचने से भी लाभ मिलता है। इसलिए, बाजार की स्थिति का ध्यान रखें और सही समय पर निवेश करें।

4. ट्रेड निष्पादित करें

ऑफ़लाइन या ऑनलाइन माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने के आदेश दें। आप टेलीफोन पर भी ऑर्डर दे सकते हैं। ऑफ़लाइन ट्रेड करते समय, सुनिश्चित करें कि आपका दलाल आपके ऑर्डर को सही ढंग से समझे।

5. पोर्टफोलियो की निगरानी करें

निवेश करने के बाद, अपने पोर्टफोलियो की नियमित रूप से जांच करें। शेयर बाजार हमेशा बदलता रहता है, इसलिए अपने निवेश की स्थिति जानना और सही समय पर निर्णय लेना जरूरी है। जिन कंपनियों में आपने निवेश किया है, उनके बारे में जानकारी रखें ताकि आप किसी भी नुकसान से बच सकें। धैर्य रखें और हर छोटे उतार-चढ़ाव पर प्रतिक्रिया न करें।

6. विभिन्न प्रकार के शेयरों को समझें

शेयर बाजार में कई प्रकार के शेयर होते हैं। अपनी जरूरतों के अनुसार सही निवेश रणनीति बनाने के लिए इन विभिन्न शेयरों को समझना महत्वपूर्ण है।

स्टॉक्स में निवेश करने से पहले, इन शब्दों को समझना जरूरी है ताकि आप शेयर बाजार को अच्छे से समझ सकें:

शेयर बाजार में निवेश से पहले समझिये ये ज़रूरी शब्द

1. प्रतिभागी:

  • निवेशक: वे लोग जो शेयर खरीदते हैं और लंबे समय तक रखते हैं, कंपनी के मुनाफे में हिस्सेदारी और कंपनी के विकास में योगदान करने के लिए।
  • ट्रेडर: वे लोग जो शेयर खरीदते और बेचते हैं, कम समय में मुनाफा कमाने के लिए।
  • संस्थान: बैंक, म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियाँ, आदि जो बड़ी मात्रा में शेयर खरीदते और बेचते हैं।

2. स्टॉक की कीमत:

यह शेयर के लिए वह मूल्य है जिस पर इसे खरीदा या बेचा जा सकता है। स्टॉक की कीमत माँग और आपूर्ति से निर्धारित होता है:

  • जब शेयरों की मांग अधिक होती है और आपूर्ति कम, तो कीमत बढ़ती है।
  • जब शेयरों की आपूर्ति अधिक होती है और मांग कम, तो कीमत घटती है।

3. ऑर्डर:

  • मार्केट ऑर्डर: शेयर को वर्तमान बाजार मूल्य पर तुरंत खरीदने या बेचने का निर्देश मार्केट ऑर्डर कहलाता है।
  • लिमिट ऑर्डर: लिमिट ऑर्डर वह खरीद/बिक्री ऑर्डर है जिसमें आप एक विशेष कीमत तय करते हैं; ऑर्डर तभी पूरा होता है जब बाज़ार उस कीमत तक पहुंचता है या उससे बेहतर होता है।

4. प्रमुख शेयर सूचकांक (स्टॉक मार्केट इंडिसेस):

ये सूचकांक चुनी हुई कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं और शेयर पूरे बाजार के स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उदाहरण: निफ्टी 50, सेंसेक्स

5. बाज़ार विश्लेषण (मार्केट एनालिसिस):

  • फंडामेंटल एनालिसिस: कंपनी की वित्तीय स्थिति, जैसे कि मुनाफा, कर्ज, और भविष्य की कमाई की संभावनाएं, और उद्योग में उसकी स्थिति का अध्ययन फंडामेंटल एनालिसिस के ज़रिये किया जाता है।
  • टेक्निकल एनालिसिस: चार्ट और पैटर्न का उपयोग करके शेयर की कीमतों के भविष्य का अंदाजा लगाना टेक्निकल एनालिसिस द्वारा किया जाता है। इसके ज़रिये निवेशक यह समझने की कोशिश करते हैं कि लोग शेयर कैसे खरीद और बेच रहे हैं और यह शेयर की कीमत को कैसे प्रभावित कर रहा है।
  • समाचार विश्लेषण: न्यूज़ एनालिसिस के ज़रिये निवेशक कंपनी और उद्योग से संबंधित सभी समाचारों को ट्रैक करते हैं ताकि वे यह जान सकें की शेयर कीमतों पर उन समाचारों का क्या प्रभाव पड़ रहा है।

6. शेयर बाजार का समय:

भारत में शेयर बाजार (एनएससी और बीएससी) सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक खुला रहता है। इस दौरान आप शेयर खरीद और बेच सकते हैं। सप्ताह के आखरी दो दिनों (शनिवार और रविवार) और कुछ विशेष छुट्टियों पर बाजार बंद रहता है।

7. लॉन्ग और शॉर्ट:

  • लॉन्ग पोजिशन: शेयर खरीदना और उन्हें लंबे समय तक रखना, यह उम्मीद करते हुए कि कीमत बढ़ेगी।
  • शॉर्ट सेलिंग: उधार लिए गए शेयरों को बेचना और कीमत गिरने पर उन्हें वापस खरीदने की उम्मीद में।

8. बाजार मनोविज्ञान (मार्केट साइकॉलजी):

निवेशक भावना, जैसे की लालच, डर, आशा, और निराशा, शेयर बाजार को प्रभावित करती हैं। जब निवेशक ज़्यादा पैसे कमाना चाहते हैं, तो वे अधिक जोखिम लेते हैं, जिससे बाजार में तेजी आ सकती है और जब निवेशक अपना पैसा खोने से डरते हैं, तो वे शेयर बेच देते हैं, जिससे बाजार में गिरावट आ सकती है। बाजार मनोविज्ञान समझना निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि निवेशकों की भावनाएं और सोच बाजार की दिशा को प्रभावित करती हैं।

9. लाभांश (डिविडेंड):

कंपनी द्वारा अपने मुनाफे का एक हिस्सा शेयरधारकों को नियमित रूप से भुगतान किया जाता है। इसे डिविडेंड कहते हैं।

10. कॉर्पोरेट कार्रवाई (कॉर्पोरेट एक्शन):

विलय (मर्जर), विभाजन (स्प्लिट), अधिग्रहण (एक्विजिशन) जैसे कार्य शेयर की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।

शेयर बाजार में निवेश करने के जोखिम

शेयर बाजार में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इससे जुड़े कुछ खास जोखिम भी होते हैं जिन्हें समझना जरूरी है:

  1. शेयर की कीमतें गिर सकती हैं: यदि कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो शेयर की कीमत गिर सकती है और आप पैसा खो सकते हैं।
  2. अस्थिरता: शेयर बाजार अस्थिर हो सकता है, जिसका अर्थ है कि शेयर की कीमतें तेज़ी से बढ़ और घट सकती हैं।
  3. ज्ञान की आवश्यकता: शेयर बाजार में सफल होने के लिए आपको वित्तीय बाजारों और कंपनियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
  • शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत कैसे करें?

    शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट खाता खोलना होगा, जिसमें आपके शेयरों की इलेक्ट्रॉनिक प्रतियां रखी जाती हैं। इसके साथ ही, एक ट्रेडिंग खाता भी जरूरी है, जो आपको ऑनलाइन शेयर खरीदने और बेचने में मदद करेगा। इन दोनों खातों के ज़रिए आप प्राथमिक (आईपीओ) और द्वितीयक (स्टॉक एक्सचेंज) बाज़ारों में निवेश कर सकते हैं। आप आसानी से INDmoney में मुफ़्त में डीमैट खाता खोल सकते हैं और अपने निवेश की यात्रा शुरू कर सकते हैं। 

  • क्या मैं 500 रुपये से शेयर बाजार में निवेश शुरू कर सकता हूं?

    हाँ, आप 500 रुपये से इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि यह बहुत ही कम रकम है। आपको बाज़ार की सही समझ, तकनीकी विश्लेषण, और निवेश के लिए अच्छी रिसर्च की ज़रूरत होगी। अगर आपने पहले कभी ट्रेडिंग नहीं की है, तो सबसे पहले आपको ट्रेडिंग के बुनियादी नियम समझने चाहिए।

  • क्या मैं 3.30 बजे के बाद व्यापार कर सकता हूं?

    भारत में शेयर बाजार में व्यापार सिर्फ एक तय समय में ही किया जा सकता है। खुदरा ग्राहकों को ब्रोकरेज एजेंसी के ज़रिए सोमवार से शुक्रवार सुबह 9.15 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक लेनदेन करने की अनुमति दी गई है।

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